माँ मुझे अपने आँचल में छिपा ले गले से लगा ले ..
कि और मेरा कोई नहीं फिर न सताऊँगा कभी पास बुला ले गले से लगा ले कि और मेरा कोई नहीं माँ मुझे अपने …
भूल मेरी छोटी सी भूल जाओ माता ऐसे कोई अपनों से रूठ नहीं जाता रूठ गया हूँ मैं तू मुझको मना ले गले से लगा ले कि और मेरा कोई नहीं माँ मुझे अपने .
गोद में तेरी आज तक मैं पला हूँ उँगली पकड़ के तेरी माँ मैं चला हूँ तेरे बिना मुझको अब कौन सम्भाले गले से लगा ले कि और मेरा कोई नहीं माँ मुझे अपने …
… कुमार शशि….. #dedicated ♡MaA♡
#_तन्हा_दिल…✍Meri Qalam Mere Jazbaat♡
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बहुत सुंन्दर लिखा है आपने
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तहे दिल से शुक्रिया जी
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